रक्षा बंधन 2025: बहन के हाथों राखी बांधते समय बोले यह मंत्र, बदल जाएगी किस्मत

✨बंधन 2025: बहन के हाथों राखी बांधते समय बोले यह मंत्र, बदल जाएगी किस्मत" ✨

रक्षा बंधन 2025: बहन के हाथों राखी बांधते समय बोले यह मंत्र, बदल जाएगी किस्मत

🌸 रक्षा सूत्र बांधते समय किया जाने वाला मंत्र 🌸

### मंत्र:
"ॐ येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।  
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।"

### भावार्थ (अर्थ):


इस मंत्र का अर्थ है —   
"जिस पवित्र धागे से प्राचीन काल में राजा बलि को बाँधा गया था, उसी रक्षा-सूत्र से मैं तुम्हें बाँधता हूँ। यह रक्षा तुम्हारी सुरक्षा बनाए रखे, तुम कभी भी अस्थिर ना हो और सदैव अडिग रहो।"
यह मंत्र केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि बहन की भावनाओं का साक्षात् रूप होता है। जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए यह मंत्र बोलती है, तो वह न केवल उसकी लंबी उम्र की कामना करती है, बल्कि यह भी चाहती है कि भाई हर कठिनाई में अडिग बना रहे।

भाई के जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा बनी रहे — इसी प्रार्थना के साथ राखी बंधती है, और यही एक बहन का सबसे बड़ा व्रत होता है। इस मंत्र में जो भावना छुपी है, वह किसी भी रक्षा कवच से ज्यादा शक्तिशाली है।
🕉️ रक्षाबंधन का अतीत – एक ऐतिहासिक, पौराणिक और मानवीय दृष्टिकोण से 🕉️

रक्षाबंधन केवल एक धागा नहीं है — यह इतिहास, धर्म, संस्कृति और भावना का संगम है। इसकी जड़ें पौराणिक काल से लेकर आधुनिक समय तक फैली हुई हैं।

🏹 पौराणिक कथा

रक्षाबंधन का सबसे प्रसिद्ध प्रसंग महाभारत से है। जब श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया, तो उनके हाथ से रक्त बहने लगा। यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। वह एक राखी बन गई। कृष्ण ने उस दिन प्रतिज्ञा ली — "जब-जब तुम्हें ज़रूरत होगी, मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा।" यही वचन उस चीरहरण के समय निभाया गया।

🔱 राजा बलि और लक्ष्मी का प्रसंग

एक अन्य कथा में, भगवान विष्णु ने राजा बलि के द्वारपाल बनकर उसका यज्ञ पूरा किया। लक्ष्मी माता ने नाराज होकर बलि को राखी बांधी और भाई बना लिया। तब राजा बलि ने विष्णु को उनके संग वापस भेजा। इस कथा में धर्म, प्रेम और कर्तव्य का मेल देखने को मिलता है।

💌 इतिहास में राखी

कहा जाता है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी थी ताकि वह उसे गुजरात के बहादुर शाह से बचा सके। हुमायूं ने राखी का मान रखते हुए अपनी सेना भेजी।

👧👦 आज के समय में

आज भी बहनें राखी बांधकर भाई से रक्षा का वचन लेती हैं। लेकिन अब ये परंपरा सीमित नहीं — बहनें भी भाइयों की रक्षा करती हैं। राखी अब भाई-बहन के साथ-साथ सैनिकों, डॉक्टरों, किसानों जैसे असली रक्षकों को भी बांधी जाती है।

💖 एक रिश्ता, जो खून से नहीं, भावना से जुड़ा है

रक्षाबंधन आज भी घरों को, दिलों को और समाज को जोड़ता है। ये त्योहार हमें याद दिलाता है कि रिश्तों को निभाने के लिए केवल खून का रिश्ता जरूरी नहीं — एक धागा और वचन काफी है।






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